इस्लामबाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पिछले कुछ महीने से भारत से बातचीत के लिए लालायित दिख रहे हैं। आजकल जब भी उन्हें बोलने का मौका मिलता है तो चाहें संदर्भ कोई हो वह भारत के साथ संबंध और कश्मीर को जरूर लाते हैं। दो दिन पहले ही इस्लामाबाद पहुंचे तजाकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ बैठक के बाद भी इमरान ने भारत के साथ बातचीत का राग अलापा था। अब समाचार एजेंसी रॉयटर्स के साथ बातचीत में भी उन्होंने कहा कि अगर भारत जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल कर दे तो वह बातचीत करने के लिए तैयार हैं। वहीं, भारत ने साफ-साफ कहा है कि जबतक पाकिस्तान आतंकवाद को बंद नहीं करता तबतक कोई बातचीत नहीं होगी। शर्त के साथ बातचीत करने की पेशकश कर रहे भारत के साथ बातचीत के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर इमरान ने कहा कि अगर कोई रोडमैप है, तो, हां, हम बात करेंगे। इससे पहले इमरान खान और उनकी सरकार के कई नेताओं ने कहा था कि भारत के साथ संबंधों को सामान्य करने की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले उसे 2019 में कश्मीर के खत्म किए गए स्टेटस को फिर से वापस करना होगा। वहीं, पाकिस्तान की इस शर्त को भारत के नजरिए से देखा जाए तो यह फिलहाल तो नामुमकिन लगता है। अनुच्छेद 370 की वापसी चाहते हैं इमरान बता दें कि 5 अगस्त 2019 को भारत ने जम्मू और कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 और 35ए को खत्म कर दिया था। जिसके बाद से इस प्रदेश में भारत का संविधान और कानून पूर्ण रूप से लागू हो गया है। इतना ही नहीं, भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर को दो भागों में बाटते हुए राज्य का दर्जा खत्म कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। इसी फैसले से चिढ़ते हुए पाकिस्तान सरकार ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार रोककर अपने राजदूत को वापस बुला लिया था। इमरान ने भारत से मांगा कश्मीर पर रोडमैप इमरान खान ने कहा कि अगर भारत हमें एक रोडमैप देते हैं कि ये कदम हैं जो हम मूल रूप से अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के खिलाफ अवैध हैं, उन्हें फिर से पुरानी स्थिति में करने के लिए कदम उठाएंगे तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं। इमरान ने यहां तक दावा किया कि वह हमेशा भारत के साथ सभ्य और खुले संबंध चाहते हैं। उन्होंने यूरोपीय संघ का उदाहरण देते हुए कहा कि यह सामान्य ज्ञान है कि यदि आप उपमहाद्वीप में गरीबी कम करना चाहते हैं, तो सबसे अच्छा तरीका एक दूसरे के साथ व्यापार करना है। भारत का एक ही जवाब- पहले आतंकवाद पर रोक लगाओ भारत हर बार पाकिस्तान के साथ बातचीत के सवाल पर आतंकवाद पर रोक लगाने की बात कहता है। भारत ने साफ--साफ कहा हुआ है कि जबतक पाकिस्तान आतंकवाद का प्रायोजक बना रहेगा, तबतक उससे किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं की जाएगी। वहीं, पाकिस्तान अपनी सरकारी पॉलिसी के अनुसार, आतंकवाद और आतंकवादियों को प्रोत्साहन देता रहेगा।
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