বুধবার, ৩ নভেম্বর, ২০২১

चीन में 22 महीने से 'छिपे' शी जिनपिंग को बड़ा झटका, जलवायु सम्‍मेलन में दरकिनार, बाइडन का वार

बीजिंग चीन में बढ़ती अस्थिरता और कोरोना के डर से चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग पिछले 22 महीने से देश से बाहर नहीं निकले हैं। हालत यह है कि शी जिनपिंग चीन के आयरन ब्रदर पाकिस्‍तान के पीएम इमरान खान की ओर से बार- बार दिए जा रहे न्‍योते के बाद भी नहीं जा रहे हैं। उधर, ग्लासगो में आयोजित सीओपी-26 जलवायु शिखर सम्मेलन में भी चीनी राष्‍ट्रपति ने नहीं जाने का फैसला किया तो दुनियाभर की त्‍योरियां चढ़ गईं। चीनी राष्‍ट्रपति वीडियो लिंक के जरिए सम्‍मेलन को संबोधित करना चाहते थे लेकिन आयोजकों ने उन्‍हें यह मौका भी नहीं दिया जिससे ड्रैगन लाल हो गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन दुनिया के शीर्ष प्रदूषण फैलाने वाले देशों में शामिल है और शी जिनपिंग को यह भी डर था कि विश्‍वभर के नेता उन्‍हें घेर सकते हैं। ऐसे में जिनपिंग वीडियो के जरिए केवल एकतरफा संवाद करना चाहते थे लेकिन उन्‍हें यह मौका नहीं मिल पाया और केवल लिखित भाषण भेजकर संतोष करना पड़ा। इतने अहम मौके पर चीनी राष्‍ट्रपति को बोलने का मौका नहीं दिए जाने से ड्रैगन लाल हो गया है। चीन ने आरोप लगाया है कि सीओपी-26 के आयोजकों ने जिनपिंग के संबोधन के लिए 'वीडियो लिंक' उपलब्ध नहीं कराया, जिसके चलते उन्हें लिखित बयान भेजना पड़ा। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने जोरदार हमला बोला जिनपिंग ने सीओपी-26 में भेजे गए अपने लिखित बयान में जलवायु चुनौतियों से संयुक्त रूप से निपटने के वास्ते सभी देशों से 'कड़ी कार्रवाई' का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने बहुपक्षीय सहमति तक पहुंचने, ठोस कदमों पर ध्यान केंद्रित करने, कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए त्रिस्तरीय योजना का प्रस्ताव रखा। यह पूछे जाने पर कि राष्ट्रपति ने सीओपी-26 को वीडियो कॉन्फ्रेंस से संबोधित करने के बजाय लिखित बयान भेजना क्यों पसंद किया, इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने प्रेसवार्ता के दौरान मंगलवार को कहा, 'जैसा कि मैं जानता हूं, शिखर सम्मेलन के आयोजकों ने विडियो लिंक उपलब्ध नहीं कराया।' चिनफिंग ने पिछले साल मध्य जनवरी में म्यांमा की यात्रा से लौटने के बाद कोई विदेश दौरा नहीं किया है, जिसके पीछे कोरोना वायरस प्रकोप और चीन में जारी अस्थिरता को बड़ा कारण माना जाता है। उधर, चीनी राष्‍ट्रपति के नहीं आने पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने जोरदार हमला बोला है। बाइडन ने कहा कि जलवायु इतना बड़ा मुद्दा है लेकिन चीन भाग खड़ा हुआ। यही रूस और पुतिन के साथ भी है। बता दें कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा कार्बन डाई ऑक्‍साइड पैदा करने वाला देश है। उसके बाद अमेरिका, यूरोपीय संघ और भारत का और नंबर आता है।


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