आयुर्वेद में हृदय रोग को हृद्रोग के नाम से जाना जाता है. आयुर्वेदिक चिकित्सा के जनक चरक ने हृद्रोग के इलाज के लिए हृदय महाकाशाय ग्रुप में 10 आयुर्वेदिक दवाओं की सूची बनाई है. इन दवाओं में ज्यादातर खट्टे फलों के एस्कॉर्बिक एसिड शामिल हैं. इन दवाओं में मौजूद फाइटोकॉन्स्टिट्यूएंट्स (पौधों से प्राप्त रसायन) ब्लड वेसल्स, विशेष रूप से कोरोनरी आर्टरीज को स्वस्थ रखने में मददगार हैं.
मेडिकल साइंस द्वारा वर्णित सभी हृदय संबंधी रोगों को आयुर्वेद में वर्गीकृत करना मुश्किल हैं, लेकिन हृदय रोगों से बचने और इलाज के लिए जिन दवाओं की सूची बनाई गई है, वे हाइपोटेंशन, हाइपोकोलेस्ट्रेमिक, एंटी-प्लेटलेट और थ्रोम्बोलाइटिक गतिविधियों को नियंत्रित करते हुए कार्डियो-वैस्कुलर और सेरेब्रोवास्कुलर डिसऑर्डर के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं.
आज इस लेख में हृदय रोग के लिए आयुर्वेदिक दवा के बारे में जानेंगे-
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