इस्लामाबाद पाकिस्तान में फंसे 450 से ज्यादा भारतीयों की सोमवार को घर वापसी हो गई। ये लोग कोरोना वायरस के कारण सीमाएं सील होने से पाकिस्तान में कई महीनों से फंसे हुए थे। इन लोगों ने वाघा-अटारी बॉर्डर के जरिए भारत में प्रवेश किया। पाकिस्तान ने मार्च 2020 में वायरस के प्रकोप के बाद भारत के साथ जुड़ी सीमाओं को सील कर दिया था। लेकिन, तब से विशेष व्यवस्था के तहत दोनों देशों के नागरिकों के जत्थे को कभी-कभी उनके देश भेजा जाता रहा है। भारत लौटने वालों में कश्मीरी छात्र भी शामिल सोमवार को लौटने वालों भारतीयों में कश्मीरी छात्र भी शामिल थे। ये छात्र पाकिस्तानी शिक्षण संस्थानों में प्रोफेशनल कोर्सेज कर रहे हैं। पाकिस्तान सरकार कश्मीरी छात्रों को कई सुविधाएं उपलब्ध करवाती है। यही कारण है कि कश्मीर से बड़ी संख्या में छात्र पाकिस्तान में शिक्षा लेने के लिए जाते हैं। पाकिस्तानी बाॉर्डर गार्ड्स ने बताया कि इन लोगों को भारत भेजने की प्रक्रिया सोमवार को 11 बजे शुरू हुई जो दिनभर चलती रही। पाकिस्तान के कोने-कोने से पहुंचे लोग इन लोगों को विशेष सुरक्षा व्यवस्था के तहत पाकिस्तान के विभिन्न कोनों से वाघा सीमा पर पहुंचाया गया। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने 405 भारतीय नागरिकों, 48 एनओआरआई (भारत लौटने के लिए अनापत्ति) वीजा धारकों और एनओआरआई वीजा धारकों के आठ पति/पत्नी/रिश्तेदारों को पाकिस्तान से भारत वापस लाने की सुविधा प्रदान की है। क्या होता है एनओआरआई वीजा? NORI वीजा उन शरणार्थियों को जारी किया जाता है जिनके पास भारतीय नागरिकता नहीं है, लेकिन उन्हें भारतीय अधिकारियों द्वारा जारी किए गए दीर्घकालिक वीजा (LTV) पर देश में रहने की अनुमति है। एनओआरआई वीजा दीर्घकालिक वीजाधारकों को पाकिस्तान की यात्रा करने और 60 दिनों के भीतर लौटने की अनुमति देता है। इससे पहले 11 जनवरी को 114 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से अपने देश लौटे थे। भारत ने चार पाकिस्तानी कैदियों को छोड़ा सोमवार को ही भारत ने अपनी सजा पूरी कर चुके चार पाकिस्तानी कैदियों को उनके देश भेजा। पाकिस्तानी स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन कैदियों का पहले कोरोना वायरस टेस्ट किया, जिसके बाद उन्हें क्वारंटीन सेंटर भेज दिया गया। पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान ने कोविड -19 संक्रमण को रोकने के लिए अपने दक्षिण एशियाई पड़ोसियों भारत, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका सहित 26 देशों के यात्रियों पर 30 जून तक प्रतिबंध लगा दिया था।
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