लंदन ब्रिटेन में 12-15 साल के बच्चों के लिए Pfizer-BioNTech की कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दे दी गई है। इमर्जेंसी में इस्तेमाल के लिए देश के रेग्युलेटर्स ने इसके इस्तेमाल की इजाजत दी है। यह खबर ऐसे वक्त में आई है जब कई एक्सपर्ट्स ने कोरोना की अगली लहर आने पर बच्चों के चपेट में आने की आशंका जताई है। इससे पहले कनाडा और अमेरिका के नियामकों ने इसी तरह का फैसला किया था। फायदे खतरों से ज्यादा कंपनी की ओर से दिए गए डेटा के आधार पर MHRA (Medicines and Healthcare products Regulatory Agency) ने अपने असेसमेंट में पाया कि वैक्सीन से होने वाले फायदे इससे जुड़े रिस्क से ज्यादा हैं। इससे पहले यूरोपियन मेडिसिन्स एजेंसी (EMA) ने फाइजर की वैक्सीन को 12 से 15 साल तक के बच्चों को लगाए जाने की सिफारिश की थी। यह फैसला महामारी के दौरान इस महाद्वीप में पहली बार बच्चों को टीका लगाने का रास्ता खोल रहा है। अमेरिकी स्टडी के आधार पर फैसला फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को 27 देशों के यूरोपीय संघ में सबसे पहले मंजूरी मिली थी और दिसंबर में 16 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को लगाने के लिए इसे लाइसेंस दिया गया था। ईएमए की बच्चों को टीका लगाने की मंजूरी देने की सिफारिश अमेरिका में 2,000 से अधिक किशोरों में अध्ययन पर आधारित है। अध्ययन में टीके को सुरक्षित और प्रभावी पाया गया। अनुसंधानकर्ता बच्चों में अगले दो साल तक टीके की खुराक की दीर्घकालिक सुरक्षा पर निगरानी रखेंगे। भारत में भी Pfizer देगी सुरक्षा फाइजर की भारत में भी किसी भी टीके की मंजूरी के पहले स्थानीय परीक्षण के मामले में सरकार से बातचीत चल रही थी। इसमें भी कंपनी को छूट मिल गई है। इससे पहले फाइजर ट्रायल वाली शर्त के बाद इमरजेंसी इस्तेमाल से आवेदन वापस ले लिया था। वहीं, फ्रांस में की गई एक स्टडी में पाया गया था कि भारत में मिले कोरोना वायरस वेरियंट के खिलाफ Pfizer की वैक्सीन असरदार है। एक सरकारी अधिकारी ने पहले संभावना जताई थी कि जुलाई तक भारत में फाइजर की वैक्सीन आ सकती है।
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