শুক্রবার, ১৫ অক্টোবর, ২০২১

तालिबान, पाकिस्‍तान, चीन...संघ प्रमुख मोहन भागवत ने यूं ही नहीं दी मोदी सरकार को चेतावनी

काबुल/इस्‍लामाबाद/नई दिल्‍ली राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मोदी सरकार को तालिबान, पाकिस्‍तान और चीन से सतर्क रहने की नसीहत दी है। भागवत ने शुक्रवार को दशहरा के मौके पर दिए अपने भाषण में कहा कि हो सकता है कि तालिबान बदल गया हो लेकिन पाकिस्‍तान नहीं बदला है। चीन का भी इरादा हमारे प्रति नहीं बदला है। उन्‍होंने कहा कि हमें सभी के साथ बातचीत करना चाहिए लेकिन अपनी सीमा सुरक्षा को चाक-चौबंद रखते हुए। भारत को समुद्र में मौजूद अपने द्वीपों की रक्षा और साइबर सुरक्षा के लिए प्रयास तेज करने की जरूरत है। आइए जानते हैं कि संघ प्रमुख ने तालिबान, पाकिस्‍तान और चीन के खिलाफ भारत को क्‍यों आगाह किया है.... एशिया में इन दिनों घटनाक्रम बहुत तेजी से बदल रहा है। एक तरफ ताइवान के मुद्दे पर चीन और अमेरिका के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं, वहीं दूसरी ओर अफगानिस्‍तान में फिर से तालिबान राज आ गया है। चीन लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत से लगती वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर आंख दिखा रहा है। चीनी सैनिक लद्दाख के कई जगहों पर घुस आए हैं, कई महीने बीत जाने और एक दर्जन से ज्‍यादा बार बातचीत के बाद भी विवाद का हल होता नहीं दिख रहा है। तालिबान-पाकिस्‍तान-चीन में बढ़ रहा गठजोड़ अफगानिस्‍तान में तालिबानी शासन अब चीन के दामन में जा चुका है। चीन तालिबानी शासन को पैसा दे रहा है ताकि वह अपनी सरकार को चला सके। वहीं बदले में तालिबान ने उइगर विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है। साथ ही चीन को अपने खनिज संसाधन देने जा रहा है जिसका कुल मूल्‍य करीब एक ट्रिल्‍यन डॉलर आंका गया है। चीन अपनी सीपीईसी परियोजना को पाकिस्‍तान के पेशावर शहर से काबुल तक ले जाने की योजना पर काम कर रहा है। इससे अब अफगानिस्‍तान पर धीरे-धीरे चीन की पकड़ मजबूत होती जा रही है। पाकिस्‍तान पहले से चीन का 'आर्थिक गुलाम' हो चुका है। इसके जरिए एक तीर से कई शिकार कर रहा है। एक तरफ उसकी पहुंच मध्‍य एशिया के उन देशों तक हो जाएगी जहां वह पहले नहीं जा रहा था, वहीं भारत के खिलाफ पाकिस्‍तान का आसानी से इस्‍तेमाल कर रहा है। पाकिस्‍तानी आतंकी अब अफगानिस्‍तान में सक्रिय हैं और वहां से कश्‍मीर में हिंसा भड़का रहे हैं। अफगानिस्‍तान में आया 'पाकिस्‍तानी शासन' तालिबान सरकार को अप्रत्‍यक्ष रूप से पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई चला रही है। आईएसआई के पालतू सिराजुद्दीन हक्‍कानी को पाकिस्‍तानी सेना के दबाव में गृहमंत्री बनाया गया है। हक्‍कानी नेटवर्क के पास अब राजधानी काबुल की सुरक्षा है। यही नहीं पाकिस्‍तानी सेना अब तालिबानी सेना को फिर से संगठित कर रही है ताकि वे लंबे समय तक शासन कर सकें। पिछले दिनों आईएसआई चीफ ने इसी संदर्भ में दौरा भी किया था। इन सब खतरों के बीच राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ प्रमुख की चेतावनी भारत के लिए खतरे की घंटी की तरह से है। भारत को अपनी आंतरिक सुरक्षा को चाक चौबंद करना होगा।


from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times
via IFTTT

Advertiser