वॉशिंगटन वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि आने वाले समय में एक दिन पृथ्वी अस्थिर हो सकती है क्योंकि चंद्रमा हमारी धरती से धीरे-धीरे दूर जा रहा है। चंद्रमा के 4.5 बिलियन सालों की जिंदगी में यह धीरे-धीरे जा रहा है। हालांकि ये दावे शुरुआत से ही किए जा रहे हैं लेकिन अब कहा जा रहा है कि एक दिन चंद्रमा हमें पूरी तरह से छोड़कर जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो इसका बेहद बुरा असर पृथ्वी पर पड़ेगा। विज्ञान पत्रिका Earth, Planets and Space के मुताबिक चंद्रमा के दूर जाने से हमारी जिंदी के हर पहलू में प्रलय आ जाएगा। पृथ्वी और चंद्रमा के बीच गुरुत्वाकर्षण संबंध के प्रभावित होने का असर समुद्र, सूर्य, स्तनधारियों, पेड़-पौधों की जिंदगी और कई चीजों पर पड़ेगा। एक्सप्रेस की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। फिलहाल चंद्रमा पृथ्वी से 384,400 किमी की दूरी पर स्थित है। कुछ ने किया पास आने का दावाअंतरिक्ष यात्री इस दूरी को पृथ्वी से चंद्रमा पर लेजर फायर कर मापते हैं। लेजर के वापस पृथ्वी पर लौटने के समय की गणना कर दोनों के बीच दूरी का अंदाजा लगाया जा सकता है। कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि समय के साथ चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक आ सकता है। जिसके परिणामस्वरूप गुरुत्वाकर्षण इसे पूरी तरह से नष्ट कर देगा। पृथ्वी के चारों ओर एक शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र है जो ग्रह के मूल में मौजूद तरल लोहे के घूमने से बना है। चंद्रमा के पास भी था पृथ्वी जैसा चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र लगभग पृथ्वी जितना ही पुराना हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह विचार चंद्रमा के बिल्कुल विपरीत है, जिसमें आज पूरी तरह से चुंबकीय क्षेत्र का अभाव है। 1980 के दशक में, अपोलो अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा लाई गई चट्टानों का अध्ययन करने वाले भूभौतिकीविदों ने निष्कर्ष निकाला कि चंद्रमा में एक बार एक चुंबकीय क्षेत्र था जो पृथ्वी के समान मजबूत था।
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