वॉशिंगटनसौरमंडल का साइकी ऐस्टरॉइड अक्सर चर्चा में रहता है। ऑप्टिकल टेलीस्कोप और पृथ्वी पर मौजूद शक्तिशाली रडार से पता लगाया गया है कि इस ऐस्टरॉइड पर बेहद कीमती धातुएं मौजूद हैं। इसी तरह का डेटा नासा के अगले मिशन का आधार बना है जिसे 'साइकी मिशन' कहा जा रहा है। ग्रीक की पौराणिक कथाओं में 'साइकी' एक देवी का नाम है। वैज्ञानिकों का मानना है कि साइकी का संबंध सौर मंडल की उत्पत्ति से हो सकता है। इसकी खोज 1852 में की गई थी और यह अद्भुत ऐस्टरॉइड मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच में मुख्य ऐस्टरॉइड बेल्ट में स्थित है। 'साइकी मिशन' के तहत स्पेसक्राफ्ट धातु संपन्न खगोलीय पिंड का चक्कर लगाएगा और इसकी संरचना की जांच करेगा। अंतरिक्ष यान ऐस्टरॉइड का नक्शा तैयार करेगा और प्राचीन चुंबकीय क्षेत्रों और न्यूट्रॉन और गामा-रे उत्सर्जन का अध्ययन करेगा। साउथवेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइकी मिशन साइंटिस्ट बिल बॉटक ने कहा कि इस खोज के नतीजों को अन्य डेटा के साथ मिलाकर हम यह पता कर सकते हैं कि सोलर सिस्टम का निर्माण और विकास कैसे हुआ। सभी उपकरणों से लैस होगा स्पेसक्राफ्टधातु से संपन्न होने के बावजूद वैज्ञानिक खोजों में देखा गया है कि साइकी पर आयरन ऑक्साइड की कमी है। यह अजीब इसलिए है क्योंकि अन्य सभी ग्रहों पर आयरन ऑक्साइड मौजूद है। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी की Lindy Elkins-Tanton ने कहा कि अगर हम साइकी की संरचना को लेकर सही हैं तो इसके निर्माण को लेकर एक अजीबोगरीब कहानी सामने आ सकती है। नासा के अंतरिक्ष यान पर साइकी के रहस्यों से पर्दा हटाने के लिए जरूरी उपकरण मौजूद होंगे। कल्पना से परे हो सकती है साइकी की हकीकतसाइकी मिशन से जुड़े जिम बेल ने कहा, 'किसी को नहीं पता हम क्या देखने जा रहे हैं। सच सिर्फ इतना है कि साइकी की हकीकत हमारी कल्पना से कहीं ज्यादा अजीब और खूबसूरत होगी।' इससे पहले खबर आई थी कि नासा को साइकी ऐस्टरॉइड पर इतनी ज्यादा अनमोल धातुएं मिली हैं जिससे धरती का हर इंसान अरबपति बन सकता है। नासा के मुताबिक इस अथाह दौलत की कीमत 10,000,000,000,000,000,000 डॉलर है। नासा ने साइकी ऐस्टरॉइड के सतह की फिर से माप की और उसके आधार पर यह ताजा अनुमान लगाया था।
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