সোমবার, ১ নভেম্বর, ২০২১

पीएम मोदी की अपील पर साथ आया 'दोस्‍त' ऑस्‍ट्रेलिया, कोवैक्‍सीन को दी मान्‍यता

मेलबर्न कोरोना से जंग के लिए कोवैक्‍सीन को मान्‍यता देने में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन भले ही लगातार हीलाहवाली कर रहा हो लेकिन ऑस्‍ट्रेलिया ने अब भारत में बनी इस वैक्‍सीन को मान्‍यता दे दी है। ऑस्‍ट्रेलिया के इस ऐलान से हजारों की तादाद में भारतीयों को राहत मिली है जो अभी ऑस्‍ट्रेलिया जाने के लिए इस कोरोना वैक्‍सीन को WHO के मान्‍यता देने का इंतजार कर रहे थे। इससे पहले डब्‍ल्‍यूएचओ ने कोवैक्‍सीन बनाने वाली भारत बायोटेक से अतिरिक्‍त डेटा मांगकर उसकी मंजूरी को लटका दिया था। ऑस्‍ट्रेलिया सरकार ने भारत की कोवैक्‍सीन और चीन की साइनोफार्म कंपनी की BBIBP-CorV वैक्‍सीन लगवाने वाले यात्रियों को यात्रा करने की मंजूरी दे दी। ऑस्‍ट्रेलिया ने कहा कि 12 साल से अधिक उम्र के कोवैक्‍सीन लगवाने वाले यात्री अब ऑस्‍ट्रेलिया की यात्रा कर सकते हैं। ऑस्‍ट्रेलिया सरकार को हाल ही में कोवैक्‍सीन से जुड़े ताजा आंकड़े दिए गए थे और इसमें पाया गया था कि वैक्‍सीन सुरक्षित है और कारगर है। हजारों की तादाद में पढ़ाई करने वाले छात्रों को बड़ी राहत कोवैक्‍सीन लगवाने वाले यात्रियों के कोरोना संक्रमण फैलाने का खतरा भी कम है। इसके साथ ही अब कोविशील्‍ड या कोवैक्‍सीन लगवाकर ऑस्‍ट्रेलिया आने वाले भारतीय यात्रियों को पूरी तरह से वैक्‍सीनेटेड माना जाएगा। ऑस्‍ट्रेलिया के इस ऐलान से हजारों की तादाद में पढ़ाई करने वाले छात्रों को बड़ी राहत मिल गई है। यही नहीं अब प्रशिक्ष‍ित कामगार भी ऑस्‍ट्रेलिया आसानी से जा सकेंगे। इससे पहले डब्ल्यूएचओ के तकनीकी सलाहकार समूह ने मंगलवार को भारत के स्वदेश निर्मित कोविड रोधी टीके 'कोवैक्सीन' को आपातकालीन उपयोग की सूची में शामिल करने के लिए अंतिम 'लाभ-जोखिम मूल्यांकन' करने के वास्ते भारत बायोटेक से 'अतिरिक्त स्पष्टीकरण' मांगा था। तकनीकी सलाहकार समूह अब अंतिम मूल्यांकन के लिए तीन नवंबर को बैठक करेगा। इसके बाद पीएम मोदी ने डब्‍ल्‍यूएचओ से भारतीय टीके को जल्‍द से जल्‍द मान्‍यता देने की अपील की थी।


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