खेसारी एक प्रकार की फसल है, जिससे दाल बनाई जाती है. इसका बोटैनिकल नाम लेथाइरस सेटाइवस है. विश्व के कई देशों में इसकी खेती होती है. इसको विभिन्न नामों से भी जाना जाता है, जैसे अंग्रेजी में ग्रास पी या चिक्लिंग वेच. मराठी में इसे लाख, बिहार में तिवरी और पूर्वी-उत्तर प्रदेश में लतरी नाम से जाना जाता है.
खेसारी दाल स्वाद में थोड़ी कसैली और मीठी होती है. आयुर्वेद में खेसारी के पत्ते, बीज और बीज का तेल औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है. इस दाल में कई पोषक तत्व होते हैं और आंखों की बीमारियों के उपचार में भी कारगर है, लेकिन इसके अधिक उपयोग से कई गंभीर बीमारियां जैसे नर्वस सिस्टम सुन्न होना व ठंड लगना आदि समस्याएं हो सकती हैं.
आज इस लेख में खेसारी दाल के फायदे और नुकसान के बारे में जानेंगे.
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख
via IFTTT