Turkish Journalist Arrested : महिला पत्रकार की गिरफ्तारी तुर्की में कोई पहला वाक्या नहीं है। जब से रेसेप तैयप एर्दोगन तुर्की के राष्ट्रपति बने हैं तब से हजारों लोगों पर राष्ट्रपति के अपमान का आरोप लगा है। देश में बढ़ती आलोचनाओं के बीच पिछले महीने उनको जान से मारने की कोशिश की गई थी।
अंकारा :
तुर्की की एक अदालत ने देश के राष्ट्रपति का अपमान करने के आरोप में जानी-मानी पत्रकार सेडेफ कबास को जेल भेज दिया है। कबास को शनिवार को इस्तांबुल में गिरफ्तार किया गया था। हैरत की बात यह है कि तुर्की की अदालत ने मुकदमा चलाए बिना ही उन्हें जेल भेजने का आदेश दे दिया। कबास पर आरोप है कि उन्होंने विपक्ष से जुड़े एक टीवी चैनल पर लाइव कार्यक्रम के दौरान एक कहावत के जरिए तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को टारगेट किया था।
चैनल पर बोली कहावत फिर ट्विटर पर शेयर की
कबास इन आरोपों से इनकार कर रही हैं। तुर्की में राष्ट्रपति का अपमान करने पर एक से चार साल की जेल की सजा का प्रावधान है। कबास ने टेली1 चैनल पर कहा था, 'एक बहुत प्रसिद्ध कहावत है कि जिसके सिर पर ताज होता है वह समझदार हो जाता है। लेकिन जैसा कि हम देख रहे हैं यह सच नहीं है।' उन्होंने कहा कि एक बैल के महल में घुसने से वह राजा नहीं बन जाता बल्कि महल खेत बन जाता है। कबास ने बाद में इस कहावत को ट्विटर पर भी पोस्ट किया था। (फोटो : Instagram)
प्रवक्ता ने कहा- पत्रकार का इरादा नफरत फैलाना
एर्दोगन के मुख्य प्रवक्ता फहार्टिन अल्टुन ने महिला पत्रकार की टिप्पणियों को 'गैर-जिम्मेदाराना' बताया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'एक तथाकथित पत्रकार एक टीवी चैनल पर हमारे राष्ट्रपति का खुले तौर पर अपमान कर रहा है, जिसका सिवाय नफरत फैलाने के कोई दूसरा लक्ष्य नहीं है।' अपने अदालती बयान में कबास ने राष्ट्रपति का अपमान करने के इरादे से इनकार किया। टेली1 चैनल के एडिटर मर्डन यानरदाग ने कबास की गिरफ्तारी का विरोध किया है। (फोटो : Instagram)
चैनल ने किया गिरफ्तारी का विरोध
उन्होंने कहा कि एक कहावत के लिए रात को 2 बजे उनकी गिरफ्तारी अस्वीकार्य है। यह रवैया पत्रकारों, मीडिया और समाज को डराने का एक प्रयास है। अगस्त 2014 में देश के पहले सीधे-निर्वाचित राष्ट्रपति बनने से पहले एर्दोगन 11 साल तक तुर्की के प्रधानमंत्री के पद पर रहे। राष्ट्रपति बनने के बाद से हजारों लोगों पर एर्दोगन का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक 2020 में आरोपों से संबंधित 31,000 से अधिक जांचें दर्ज की गई। (फोटो : Instagram)
बढ़ती आलोचना के बीच राष्ट्रपति को मारने की कोशिश
पिछले महीने खबर आई थी कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान को जान से मारने की कोशिश की गई है। तुर्की की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने एक कार से बम बरामद किया था जिसे देश के दक्षिणीपूर्वी प्रांत सिर्त में एर्दोगान के काफिले में तैनात किया जाना था। सिर्त में एक कार्यक्रम में एर्दोगान को शामिल होना था। जानकारी के मुताबिक बम को पुलिस की सुरक्षा कार के नीचे लगाया गया था। तुर्की की पुलिस ने यह खुलासा ऐसे समय पर किया जब देश की अर्थव्यवस्था रसातल में पहुंच गई है और एर्दोगान आलोचना के घेरे में हैं। (फोटो : Instagram)
पहले भी किए जा चुके हैं हत्या के प्रयास
तुर्की की पुलिस के बम डिस्पोजल दस्ते ने बम को नष्ट कर दिया था और इसे फरेंसिक एक्सपर्ट के पास जांच के लिए भेज दिया गया था। इस खुलासे के बाद भी एर्दोगान कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने अपने भाषण में कहा कि देश और इलाके के भविष्य में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। तुर्की में पहले भी राष्ट्रपति एर्दोगान को मारने के प्रयास हो चुके हैं। साल 2016 में एर्दोगान को मारने का प्रयास हुआ था। इस दौरान 50 विद्रोही हेलिकॉप्टर से वहां पहुंच गए थे, जहां एर्दोगान छुट्टी मना रहे थे। (File Photo)
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