कीव/मास्को यूक्रेन की चौतरफा घेरेबंदी कर चुका रूस अब परमाणु बम गिराने का अभ्यास करने जा रहा है। इस अभ्यास में समुद्र, जमीन और हवा के रास्ते परमाणु बम गिराने का अभ्यास रूसी सेना करेगी। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रूसी सेना न्यूक्लियर स्ट्रेटजिक अभ्यास करने जा रही है। वालेस ने कहा कि यूक्रेन संकट के राजनयिक समाधान निकालने को लेकर चल रहे प्रयासों के बाद भी रूस गलत दिशा में बढ़ रहा है। वालेस ने कहा कि खुफिया सूचना मिली है कि रूस यूक्रेन पर हमले के लिए तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि बातचीत के बाद भी चीजें गलत दिशा में जा रही हैं। ब्रिटिश रक्षा मंत्री ने कहा, 'रूसी अब भी अपने सेना को बढ़ा रहे हैं। वे अब एक न्यूक्लियर स्ट्रेटजिक अभ्सास को अंजाम देने जा रहे हैं। वास्तव में हम दूसरी जगहों पर और ज्यादा गतिविधियां देख रहे हैं।' इससे पहले रूस के एक रक्षा सूत्र ने तास समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा था कि परमाणु अभ्यास थंडर में रूस के रणनीतिक परमाणु बल के तीनों ही हिस्से जमीन, समुद्र और हवा से परमाणु बम गिराने का अभ्यास करेंगे। रूस ने बेलारूस के साथ व्यापक सैन्य अभ्यास शुरू किया रूस अक्सर परमाणु अभ्यास करता रहता है लेकिन यूक्रेन के साथ तनाव के बीच इस तरह का अभ्यास करने के फैसले से दुनियाभर के देशों की टेंशन बढ़ सकती है। रूस यह परमाणु अभ्यास ऐसे समय पर कर रहा है जब उसने बेलारूस के साथ व्यापक सैन्य अभ्यास यूक्रेन की सीमा के पास शुरू किया है। इस अभ्यास में करीब 30 हजार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। उधर, नाटो के महासचिव ने रूसी अभ्यास को 'खतरनाक क्षण' करार दिया है। नाटो महासचिव ने कहा कि हम बेलारूस में रूसी तैनाती पर नजर बनाए हैं जो शीत युद्ध के बाद अब तक का सबसे बड़ा अभ्यास है। उन्होंने कहा, 'यूरोप की सुरक्षा के लिए यह खतरनाक क्षण है। रूसी सैनिकों की संख्या बढ़ रही है। हमले के खतरे की चेतावनी देने वाला समय लगातार कम होता जा रहा है।' माना जा रहा है कि इस सैन्य सैन्य तैनाती के जरिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना रहे हैं। पश्चिमी देश मॉस्को को उपदेश नहीं दें: रूस यूक्रेन संकट में कमी लाने और कूटनीतिक रास्ता अपनाने पर जोर डालने के मद्देनजर चर्चा के लिए रूस पहुंची ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रूस ने गुरुवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ बैठक की। लिज ने एक बार फिर रूस को चेताया कि पड़ोसी यूक्रेन पर हमला करने के गंभीर परिणाम होंगे और इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने रूस से अनुरोध किया कि वह यूक्रेन की स्वतंत्रता एवं संप्रभुता का सम्मान करने के अपने अंतरराष्ट्रीय समझौते की प्रतिबद्धता का पालन करे। बैठक के दौरान कड़ा रुख अपनाने वाले लावरोव ने भी दो टूक कहा कि पश्चिमी देश मॉस्को को उपदेश नहीं दें। लावरोव ने कहा, 'वैचारिक दृष्टिकोण और अंतिम चेतावनी के रास्ते आगे नहीं बढ़ा जा सकता।' बैठक के बाद ब्रिटिश विदेश मंत्री ने एक बार फिर आह्वान किया कि रूस अपने सैनिकों को वापस सैन्य अड्डों को भेजे। हालांकि, लावरोव ने इस मांग को अनुचित करार देते हुए खारिज कर दिया और पूर्वी यूरोप में जमे ब्रिटिश और नाटो सैनिकों की ओर उंगली उठायी। लावरोव ने कहा, 'रूसी क्षेत्र से रूस के सैनिकों को हटाने की मांग खेदजनक है। हम किसी को धमकाना नहीं चाहते बल्कि हम खुद खतरे का सामना कर रहे हैं।'
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