वॉशिंगटन धरती से करीब एक अरब प्रकाशवर्ष की दूरी पर गामा किरणों का हुआ है। खगोलविदों ने इस दुर्लभ घटना की तस्वीर खींचने में सफलता हासिल की है। जर्मनी के विशेषज्ञों के मुताबिक इस विस्फोटक घटना में एक सितारे की मौत हो गई और उसके ब्लैक होल में बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि यह एक जोरदार गामा किरणों का विस्फोट था जो चमकदार एक्स और गामा किरणों के रूप में आकाश में दिखाई दिया। इस महाविस्फोट को अंतरिक्ष में स्थित फर्मी और स्विफ्ट टेलिस्कोप ने नामीबिया में स्थित हाई एनर्जी स्टेरिओस्कोपिक सिस्टम टेलिस्कोप की मदद से पकड़ा। इस विस्फोट के करीब 1 अरब प्रकाशवर्ष दूर होने के बाद भी माना जाता है कि यह हमारे ब्रह्माण्डीय इलाके में है। इस विस्फोट की खोज करने वाले जर्मन वैज्ञानिकों ने बताया कि यह ऊर्जा का अब तक का सबसे बड़ा विकिरण था। 'गामा किरणों की एनर्जी को कई दिनों तक महसूस किया' उन्होंने कहा कि गामा किरणों के विस्फोट के बाद होने वाला गामा किरणों का सबसे लंबा प्रकाश था। इससे पहले गामा किरणों का विस्फोट आमतौर पर करीब 20 अरब प्रकाशवर्ष दूर होते रहे हैं। इस विस्फोट को GRB 190829A नाम दिया गया है और इसे 29 अगस्त वर्ष 2019 में सबसे पहले खोजा गया था। टीम ने कहा कि इस खोज से अब तक कि उस मान्यता को चुनौती दिया है जिसमें इस तरह के विस्फोटों के बाद गामा किरणों के पैदा होने के बारे में कहा जाता था। इसी से विस्फोट से ब्लैक होल का जन्म होता है। जर्मन वैज्ञानिक डॉक्टर एंड्रयू टायलर ने कहा कि वे गामा किरणों के विस्फोट के समय बिल्कुल आगे थे। हमने विस्फोट के बाद उसकी चमक और अप्रत्याशित गामा किरणों की एनर्जी को अगले कई दिनों तक महसूस किया। एक अन्य वैज्ञानिक एडना रुइज ने कहा कि विस्फोट बहुत असाधारण था और यह हमारे ब्रह्माण्डीय इलाके में हुआ है।
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