
वॉशिंगटन धरती का ज्यादातर हिस्सा पानी के नीचे है और यह एक ऐसी दुनिया है, जिसके रहस्य इंसानों से छिपे हुए हैं। ऐसे में जब पानी की सतह के हजारों फीट नीचे कुछ अनोखा नजर आता है तो वैज्ञानिक बेहद उत्साहित हो जाते हैं। ऐसा ही कुछ हुआ जब मरीन बायॉलजिस्ट्स, मीडिया और फिल्ममेकर्स की एक टीम OceanX पहुंची लाल सागर () पर एक एक्सपीडिशन के लिए। यहां एक विशाल जहाज का मलबा तो मिला ही, साथ में दिखा ऐसा जीव जो इंसानों से ज्यादा लंबा था। अचानक सामने आया विशाल जीव नवंबर 2011 में Pella नाम का जहाज डूब गया था। इसकी खोज में गई टीम को 2,800 फीट की गहराई पर एक जीव दिखा जिसे विशाल स्क्विड जैसा माना जा रहा है। टीम के साइंस प्रोग्राम लीड मैटी रॉड्रीग ने बताया कि यह अनुभव कभी भूला नहीं जा सकेगा। उन्होंने बताया, 'हम जहाज के मलबे को देख रहे थे कि अचानक हमारे सामने एक विशाल जीव आता है। यह हमारे ROV (रिमोटली ऑपरेटेड वीइकल को देखता है और जहाज से लिपट जाता है।' सितंबर 2021 में टीम को पता चला कि यह एक पर्पलबैक फ्लाइंग स्किवड (Purpleback Flying squid) था जो दो फीट लंबा हो सकता है। करीब 20 हजार फीट गहराई तक जा सकता है OceanX टीम OceanX रिसर्च वेसल पर इस एक्सपीडिशन पर गई थी जिसमें 40 टन की क्रेन सबमर्सिबल लॉन्च करने के लिए लगी हैं। ये सोनर ऐरे और दूसरे उपकरण को भी पानी के नीचे ले जाता है। इस जहाज पर दो ट्राइटन (Triton) सबमर्सिबल लगे हैं जो आठ घंटे तक 3,280 फीट की गहराई में रह सकते हैं। इसमें रिमोटली ऑपरेटर वीइकल और एक ऑटोनॉमस अंडरवॉटर वीइकल है जो 19,685 फीट गहराई तक जा सकता है। दुर्लभ होते हैं ये जीव Pella नाम के जिस जहाज का मलबा खोजा जा रहा था वह नवंबर 2011 में डूब गया था। यह मिस्र के नूवीबा बंदरगाह पर जा रहा था। इसमें जॉर्डन के अकाबा के पास आग लग गई थी। इस पर 1229 यात्री सवार थे। घटना में एक शख्स की जान भी चली गई। रिसर्चर एक अंडरवॉटर रोबॉट की मदद से मलबे को देख रहे थे जब उन्हें स्किवड दिखा। बताया गया है कि इस इलाके में कई ऐसे जीव रहते हैं। हालांकि, इतने विशाल जीव बेहद दुर्लभ हैं।
from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times
via IFTTT