শনিবার, ৯ অক্টোবর, ২০২১

'गद्दार' था अशरफ गनी और 'बेकार' यूएस-तालिबान की डील, अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने बताई देश की हालत

काबुल अफगानिस्तान के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला का कहना है कि तालिबान और अमेरिका के बीच समझौता 'शांति' के मुद्दे पर बेहद कमजोर था। उन्होंने अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी को 'देशद्रोही' करार दिया है। तालिबान के काबुल में दाखिल होने से कुछ देर पहले ही अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए थे। वह पहले ताजिकिस्तान गए और फिर दुबई में 'मानवीय आधार' पर शरण ले ली। अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि हमारे सिस्टम में कई तरह की खामियां थीं, एक के बाद एक गलत चुनाव, गनी का लोगों पर भरोसा न करना और उनके और नेतृत्व के बीच अविश्वास, भ्रष्टाचार कुछ ऐसे कारक थे जिनके कारण देश आज की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि जब अमेरिका ने दोहा समझौते के तहत तालिबान के साथ एक समझौते पर साइन किए तो शांति उसका सबसे कमजोर हिस्सा थी। मरते दम तक नहीं छोड़ूंगा अफगानिस्तानतालिबान के कब्जे के बाद भी अब्दुला काबुल में हैं। पूर्व अफगान राष्ट्रपति को लेकर उन्होंने कहा कि देश छोड़कर भागने का मतलब है अशरफ गनी जैसे देशद्रोहियों में शामिल होना, जो मैं मरते दम तक नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि काबुल में रहने का फैसला उन लोगों के साथ खड़े होने का फैसला है जिन्होंने हमारा समर्थन किया और नेताओं के रूप में हमारा सम्मान किया। अब्दुला ने कहा, 'मुझे अफगानिस्तान में रहने का कोई अफसोस नहीं है।' तालिबान पाकिस्तान की दोस्ती पुरानीउन्होंने कहा, 'मैं देश का नागरिक हूं। मुझे सरकार में कोई जगह नहीं चाहिए। मैं सिर्फ लोगों के साथ रहने के लिए रुका था। मेरा घर लोगों के लिए एक ठिकाना है और मैं देश से बाहर भी दोस्तों के साथ संपर्क में भी हूं।' तालिबान और पाकिस्तान की दोस्ती को लेकर उन्होंने कहा कि तालिबान का पड़ोसी देश के साथ गहरा संबंध रहा है जो करीब तीन दशक पुराना है। तालिबान जिस रास्ते पर चल रहा है वह लोगों के हित में नहीं है। देश को मदद की जरूरतकाबुल में मौजूदा स्थिति को लेकर अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा कि पूरे देश में मानवीय स्थिति बेहद गंभीर है। देश को मानवीय सहायता की बेहद जरूरत है। देश की अर्थव्यवस्था आगे नहीं बढ़ रही है और बैंकिंग प्रणाली को सहायता चाहिए। उत्तरी अफगानिस्तान में शिया मुस्लिम नमाजियों से भरी एक मस्जिद में शुक्रवार को हुए विस्फोट में 100 से ज्यादा लोग हताहत हुए हैं। इनमें से कम से कम 46 लोग मारे गये और दर्जनों अन्य घायल हो गये। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस बीच, आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने मस्जिद में हुए बम धमाके की जिम्मेदारी ली और कहा कि उसके आत्मघाती हमलावर ने घटना अंजाम दिया।


from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times
via IFTTT

Advertiser