বৃহস্পতিবার, ১৪ অক্টোবর, ২০২১

अंधेरे में डूब जाएगा अफगानिस्तान! 6.2 करोड़ डॉलर का बिजली बिल भरने के लिए तालिबान की जेब खाली

पेइचिंग अफगानिस्तान की राजधानी काबुल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। काबुल और अन्य अफगान प्रांत पूरी तरह से अंधेरे में डूब चुके हैं। अफगानिस्तान की सरकारी बिजली कंपनी 'दा अफगानिस्तान ब्रेशना शेरफत' ने बुधवार को बताया कि उज्बेकिस्तान से होने वाली बिजली सप्लाई में कुछ तकनीकी समस्या आने के कारण बिजली कटौती हुई है। तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान लगातार मुसीबतों में घिरता जा रहा है। देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ठहर गई है और बैंकिंग सिस्टम बदहाली से जूझ रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया था कि डीएबीएस के ऊपर मध्य एशियाई देशों का करीब 6.2 करोड़ डॉलर के बिजली बिलों का भुगतान बकाया है। कंपनी सरकारी अधिकारियों की संपत्ति बेचकर इसका भुगतान करने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरी अफगानिस्तान के बगलान प्रांत की बिजली सप्लाई ठप्प हो चुकी है। अफगान बिजली कंपनी का कहना है कि जल्द ही इस समस्या को दूर कर लिया जाएगा। बिजली खरीदने के लिए नहीं हैं पैसेअफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर बिजली की सप्लाई बाहरी देशों जैसे उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान से होती है। तालिबान के कब्जे के बाद देश में बड़े स्तर पर व्यवसाय और धंधे बंद हो चुके हैं। ऐसे में बाहर से बिजली खरीदने के लिए तालिबान के पास न तो पैसे हैं और न ही कोई रास्ता। सरकारी कंपनी आने वाली सर्दियों में भारी बिजली कटौती की चेतावनी दे चुकी हैं। बकाया बिल का भुगतान न होने के कारण ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है। चीन में गहरा सकता है बिजली संकटदूसरी तरफ चीन पर भी बिजली संकट के और ज्यादा गहराने का खतरा मंडरा रहा है। रिकॉर्ड खरीद के बावजूद चीन में कोयला की कीमत इस साल तीन गुना ज्यादा बढ़ चुकी है। सितंबर में चीन के कुल कोयला आयात में 76 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है। इसके बावजूद चीन की पावर प्लांट्स को पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का दंभ भरने वाले चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।


from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times
via IFTTT

Advertiser