बोगोटा/मुंबई बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान को मुंबई के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने एक रेव पार्टी से हिरासत में लिया है। यह रेव पार्टी कॉर्डेला द इम्प्रेस क्रूज शिप पर चल रही थी। इस रेव पार्टी से एनसीबी को कोकीन, चरस, MDMA की टेबलेट्स जैसे कई नशीले पदार्थ मिले हैं। यह छापेमारी ऐसे समय पर हुई है जब हाल ही में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर अरबों रुपये का ड्रग्स पकड़ा गया था। इस ताजा विवाद के केंद्र में है कोकीन जिसका नशा इन दिनों बालीवुड स्टार्स के सिर चढ़कर बोल रहा है। आइए जानते हैं कि भारत में कोकिन के बढ़ते साम्राज्य की पूरी कहानी... अमेरिका समेत पूरी दुनिया में कोकीन समेत अन्य मादक पदार्थों के खिलाफ बड़े जोर-शोर से कार्रवाई चल रही है। इस सख्ती के बाद अब दुनियाभर के ड्रग्स माफिया अब ऐसे बाजारों की तलाश कर रहे हैं जहां वे आसानी से अपने इस गंदे धंधे का विस्तार कर सकें। इन ड्रग्स माफिया में लैटिन अमेरिका के कोलंबिया, पेरू और बोलविया के तस्कर सबसे बड़े समूहों में शामिल हैं। कोलंबिया के ड्रग्स माफिया ने कोकीन बेचने के लिए अब अपनी नजरें भारत पर गड़ा दी हैं। यही नहीं वे भारत में कोकिन की तस्करी के लिए कई नायाब तरीके भी ईजाद कर रहे हैं। कोकीन की भारत में डिमांड बहुत ज्यादा, 5 करोड़ रुपये में एक किलो कोलंबिया के ड्रग्स माफिया टूरिस्ट के जरिए या फिर अफ्रीका तथा खाड़ी देशों के रास्ते भारत में बड़े पैमाने पर कोकिन की सप्लाइ कर रहे हैं। भारत में कोकीन की सबसे ज्यादा खपत दिल्ली, मुंबई, गोवा और बेंगलुरू में हो रही है। भारत में कोकीन कोलंबिया से काफी ज्यादा आती है और इसकी सप्लाइ ज्यादातर पश्चिमी अफ्रीकी देशों के नागरिक करते हैं। हालांकि अब टूरिस्ट के जरिए सीधे कोलंबिया से भी कोकीन को भारत भेजा जा रहा है। इसकी वजह यह है कि कोकीन की भारत में डिमांड बहुत ज्यादा हो गई है और ये ड्रग तस्कर अपना हिस्सा बढ़ाना चाहते हैं। भारतीय बाजार में एक किलो कोकीन की कीमत करीब 5 करोड़ रुपये है। कोलंबिया के ड्रग्स माफिया जैसे कार्लोस लेहदर और पाबलो इस्कोबार ने वर्ष 1980 के दशक में कोकीन के व्यापार को तेजी से बढ़ावा देना शुरू किया। इसका नतीजा यह रहा कि कोलंबिया कोका पत्तियों का सबसे बड़ा उत्पादक देश बन गया। कोकीन को बनाने में कोका की पत्तियों का ही सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। साल 2000 तक कोलंबिया ने दुनिया में कोका पत्तियों की सप्लाई के 74 फीसदी बाजार पर कब्जा कर लिया। इसके बाद कोलंबिया के ड्रग्स उद्योग में गिरावट आई और अब इसे बढ़ाने के लिए भारत जैसे देशों में नए-नए पैसे वाले लोगों में कोकीन की सप्लाइ को बढ़ावा दिया जा रहा है। नशीले पदार्थों का अवैध व्यापार 400 अरब डॉलर का भारत में अब कोकीन की सप्लाइ दो अन्य लैटिन अमेरिकी देशों बोलविया और पेरू से भी होने लगी है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक कोरोना काल में कोकीन की सप्लाइ में गिरावट आई थी लेकिन अब एक बार फिर से यह बढ़ने लगी है। साल 2020 के पहले तीन महीने में ही संयुक्त राष्ट्र की मदद से 17.5 टन कोकीन पकड़ी गई थी। इस कोकिन को यूरोप, चीन और दुनिया के अन्य हिस्सों में भेजा जाना था। इसी वजह से अब ड्रग्स माफिया भारत पर नजरें गड़ाए हुए हैं जहां पर इसके शौकिन लगातार बढ़ते जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के पुराने आंकड़े के मुताबिक दुनियाभर में हेरोइन का 100 अरब डॉलर, कोकीन का 130 अरब डॉलर, भांग और गांजा का 75 अरब डॉलर और अन्य सिंथेटिक ड्रग्स का 60 अरब डॉलर का व्यापार होता है। इस तरह से दुनियाभर में नशीले पदार्थों का अवैध व्यापार करीब 400 अरब डॉलर का है। यह धंधा लगातार बढ़ता जा रहा है। कोकीन के लिहाज से उसका सबसे बड़ा बाजार अमेरिका और यूरोप है लेकिन अब भारत और चीन जैसे देशों में भी इसके शौकिन बढ़ते जा रहे हैं।
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