केपटाउन अब तक लाखों लोगों की जान ले चुके कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट से दुनियाभर में दहशत का माहौल है। शेयर बाजार धड़ाम हो रहे हैं और दुनियाभर की सरकारें चेतावनी दे रही हैं। दक्षिण अफ्रीका से लेकर हॉन्ग कॉन्ग तक सामने आए इस कोरोना के इस नए रूप को बोत्सवाना वेरिएंट नाम दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि अफ्रीकी देश बोत्सवाना में सबसे पहले इस वेरिएंट के मामले सामने आए थे। इसे नू वेरिएंट भी कहा जा रहा है। इसे वेरिएंट के आने के बाद जहां लोग घबराए हुए हैं, वहीं विशेषज्ञ अभी धैर्य रखने की सलाह दे रहे हैं। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मेरिलैंड के चर्चित विशेषज्ञ फहीम यूनूस कहते हैं, 'आप दक्षिण अफ्रीका के कोरोना के नू वेरिएंट से घबराए हुए हैं ? यह जानिए कि अभी हम यह नहीं जानते हैं कि यह बहुत ज्यदा जानलेवा है या नहीं। बहुत ज्यादा संक्रमण फैलाने वाला है या नहीं या इम्युनिटी को मात दे सकता है या नहीं। कृपया और ज्यादा तथ्यों का इंतजार करें। इसके बारे में कई असामयिक निष्कर्ष निकाले जा रहे हैं और मैं जानता हूं कि डर बिकता है। लेकिन लोगों का स्वास्थ्य सेवा है न कि बिजनस। कृपया शांत रहें और आगे बढ़ते रहें।' कोरोना के नए स्वरूप बी.1.1.529 पर नजर रखे हुए है: WHO उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए स्वरूप बी.1.1.529 पर नजर रखे हुए है। संगठन शुक्रवार को ‘विशेष बैठक’ करेगा जिसमें विचार किया जाएगा कि बहुत अधिक बदलाव से पैदा हुए स्वरूप को ‘चिंतित करने वाले स्वरूप’ की सूची में डाला जाए या नहीं। यह जानकारी संगठन की शीर्ष अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि यह अबतक मिली जानकारी के मुताबिक यह स्वरूप सबसे अधिक बदलाव की वजह से उत्पन्न हुआ है। सबसे पहले इसकी पहचान इस हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में की गई थी और पहले ही बोत्सवाना सहित कई पड़ोसी देशों में फैल चुका है। इन देशों से पता चला है कि वायरस का यह स्वरूप पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों में मिला है। इस नए स्वरूप के सामने आने के बाद वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि वायरस के नए स्वरूपों की संख्या बढ़ सकती है जो टीका के प्रति अधिक प्रतिरोधी हो सकते हैं और उनके प्रसार की दर और अधिक हो सकती है और कोविड-19 के गंभीर लक्षण वाले मामलों में वृद्धि हो सकती है। डब्ल्यूएचओ में संक्रामक बीमारी महामारी और कोविड-19 तकनीकी समूह का नेतृत्व कर रही मारिया वान केरखोवे ने गुरुवार को प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान बताया, ‘100 से भी कम स्वरूप का जीनोम अनुक्रमण उपलब्ध है। हम इसके बारे में अबतक नहीं जानते हैं। हम यह जानते हैं कि इस स्वरूप में अनुवांशिकी रूप से अधिक बदलाव हुए हैं। और जब कई स्वरूप होते हैं तो चिंता होती है कि कोविड-19 वायरस के व्यवहार पर यह कैसे असर डालेगा।’ नया वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा मारिया ने कहा कि अनुसंधानकर्ता मिलकर यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि ये बदलाव और स्पाइक प्रोटीन कहा हैं और इनका पता लगाने की पद्धति, इलाज और टीका क्या हो सकता है। केरखोवे ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के वायरस के विकासक्रम पर गठित तकनीकी सलाहकार समूह अपने दक्षिणी अफ्रीकी सहयोगियों के साथ चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम कल फिर बैठक कर रहे हैं। इसपर चर्चा के लिए विशेष बैठक बुला रहे हैं, चेतावनी देने के लिए नहीं बल्कि इसलिए कि हमारे पास यह प्रणाली है। हम इन वैज्ञानिकों को साथ लाएंगे और चर्चा करेंगे कि इसके मायने क्या हैं और यह भी इनका समाधान तलाशने के लिए समयसीमा क्या हो सकती है।’ अब तक इस वेरिएंट से संक्रमण के 10 मामले सामने आए हैं। ये मामले बोत्सवान, दक्षिण अफ्रीका और हॉन्ग कॉन्ग में निकले हैं। दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री ने गुरुवार को घोषणा की कि नया वेरिएंट देश में तेजी से बढ़ता दिखाई दे रहा है। कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के साथ ही अपना रूप बदलता रहता है और इसके नए स्वरूप सामने आते हैं, जिनमें से कुछ काफी घातक होते हैं लेकिन कई बार वे खुद ही खत्म भी हो जाते हैं। वैज्ञानिक उन संभावित स्वरूपों पर नजर रखते हैं, जो अधिक संक्रामक या घातक हो सकते हैं। वैज्ञानिक यह भी पता लगाने की कोशिश करते हैं कि क्या नया स्वरूप जन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है या नहीं। दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण से 89,000 से अधिक लोगों की मौत इस बीच, ब्रितानी सरकार ने घोषणा की कि वह शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से दक्षिण अफ्रीका और पांच अन्य दक्षिणी अफ्रीकी देशों से उड़ानों पर प्रतिबंध लगा रही है और जो कोई भी हाल में उन देशों से आया है, उसे कोविड-19 संबंधी जांच करा लेनी चाहिए। दक्षिण अफ्रीका की आबादी करीब छह करोड़ है और यहां कोविड-19 के 29 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। वहीं, संक्रमण से 89,000 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
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